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दीपक एकासना, नाटक के माध्यम से धर्माचरण करने का संदेश’’कम खाओ, गम खाओं व नम जाओं’’ सिद्धान्त को अपनाएं-साध्वीश्री मृगावती जी.म.सा.

बीकानेर, 17 जुलाई। जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ संघ की मनोहरश्रीजी म.सा की सुशिष्या साध्वीश्री मृगावतीश्रीजी म.सा., बीकानेर मूल की साध्वीश्री सुरप्रियाश्रीजीम.सा व नित्योदया श्रीजी म.सा के सान्निध्य में रविवार को सुगनजी महाराज के उपासरे में खतरनाक आवेश विषयक विशेष व्याख्यान, दीपक एकासना तथा बच्चों का शिविर और लघु नाटक का आयोजन हुआ।
सुगनजी महाराज के उपासरे में साध्वीश्री मृगावती जी.मसा. म.सा.ने कहा कि जैन धर्म का प्रमुख सिद्धान्त ’’कम खाओ, गम खाओं व नम जाओं’’ को अपनाएं तथा क्रोध व आवेश से बचें। क्रोध को समाप्त होने पर ही अंतर यात्रा शुरू होती है। क्रोध को जीतना नहीं साधना है तथा साधना के माध्यम से समाप्त करना है। उन्होंने क्रोध के अंग्रेजी शब्द के एक-एक शब्द की व्याख्या करते हुए कहा कि अपना एटीट्यूट यानि रवैये को सकारात्मक व स्वभाव को सरल बनाएं। 
क्रोध चेहरे, शरीर की स्थिति व संतुलन को बिगाड़ देता है, इसलिए गुडनेश रखे। अपनी भावना व संवेदनाओं को परिवारिक व सामाजिक संबंधों को उतम बनाएं रखने के लिए आवेश पर नियत्रण करें। आवेश पर नियंत्रण नहीं करने से कई बार अनर्थ हो जाता है। शालीनता, समझ,शांत भाव से जीवन को जीवंत बनाएं। खतरनाक आवेश व क्रोध से बचते हुए अंतर यात्रा को शुरू करें।
नाटिका के माध्यम से धर्माचरण का संदेश-साध्वीवृंद के सान्निध्य में ज्ञान वाटिका के बच्चों ने लघु नाटिका के माध्यम से बुराइयों,कषायों काम,क्रोध, लोभ व मोह तथा अहंकार से बचने का संदेश दिया। नाटिका में अर्पिता जैन, यश सेठिया, आकाश जैन, संयम सेठिया व माही खजांची ने नरक का दरवाजा, त्रियंच का दरवाजा, देवलोक व मनुष्य का दरवाजा बनकर मानवीयता अपनाने, बुरे व पाप कर्मों से बचने तथा धर्म ध्यान करने का संदेश दिया। 
नाटिका का निर्देशन सुश्री मोक्ष डाकलिया ने किया। नाटिका में हिस्सा लेने वाले बच्चों को सुगनजी महाराज का उपासरा ट्रस्ट के मंत्री रतन लाल नाहटा, चातुर्मास व्यवस्था समिति के संयोजक निर्मल पारख ने पुरस्कृत किया।
ज्ञाता धर्म कथा सूत्र का वांचन आज से - साध्वीश्री मृगावतीश्रीजी.नित्योदयाश्रीजी व सुरप्रियाश्रीजी.म.सा. सोमवार से जैन आगम के 6 अंग सूत्र का वाचन विवेचन करेंगे। आगम सूत्र वाचन विवेचन का लाभ भंवर लाल धनराज परिवार ने लिया। यह परिवार सोमवार को साध्वीवृंद को आगम वांचन के लिए जैन विधि अनुसार पूजन वंदन कर भेंट करेंगे। 

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