बच्चों-किशोरों में बढ़ रहे मानसिक रोगों पर किया मंथन
बीकानेर। इंडियन साइकेट्रिक सोसायटी, राजस्थान चैपटर की वार्षिक मिड टर्म सी. एम.ई. का आयोजन मानसिक रोग एवं नशामुक्ति विभाग पी.बी.एम. हॉस्पिटल एवं बीकानेर साईकेट्रिक सोसायटी द्वारा होटल पार्क पैराडाईज में किया गया। जिसका शुभारंभ मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डॉ मो सलीम,सीकर मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ के के वर्मा,जयपुर के डॉ शिव गौतम,सहायक आचार्य डॉ सुरेन्द्र वर्मा ने किया।
इस एक दिवसीय शैक्षणिक गतिविधि में देश व प्रदेश से आएं मनोचिकित्सकों ने बच्चों और किशोरों में मिलने वाले सभी प्रकार के मानसिक रोगों पर चर्चा की। इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि वर्तमान परिस्थितियों में मानसिक रोगियों की संख्या में 6 से 25 प्रतिशत की वृद्वि हुई है और आत्महत्या के मामले दस प्रतिशत तक बढ़ गये है। जो चिंता का विषय है। इसका बड़ा कारण इंटरनेट एडिक्शन व मोबाइल है।
जिसकी वजह से बच्चों व किशोरों में जल्द आक्रोशित होने और मानसिक दबाव की स्थितियों पैदा हो रही है। इसको लेकर अभिभावकों को सजग होने की जरूरत है। कार्यशाला में एम्स दिल्ली से डॉ विचित्र नंदा पात्रा बच्चों और किशोर अवस्था में स्वयं को नुकसान पहुंचाने व आत्महत्या के कारणों,डॉ यतनपाल सिंह इंटरनेट एडिक्शन,जी.एम.सी.एच. चंढीगढ़ से डॉ प्रीती अरूण आटिज्म के ईलाज,एम्स जोधपुर से डॉ नरेश नेभिनानी बच्चों पर होने वाले यौन प्रताडऩा कानूनी प्रावधान तथा सामाजिक परिस्थितियों में इसके
रोकथाम,पी.जी.आई. चंढीगढ़ से डॉ अखिलेश शर्मा आज के अत्याधुनिक युग में स्क्रीन मीडिया का बच्चों के मानसिक विकास पर होने वाले प्रभावों,एस.एम.एस. मेडिकल कॉलेज, जयपुर से डॉ गुंजन सोलंकी बच्चों व किशोरों में ओ.सी.डी. के उपचार के लिए हाल ही में विकसित नई उपचार विधियों के बारे में प्रकाश डाला। आयोजन सचिव डॉ हरफूल सिंह व संयुक्त सचिव डॉ श्रीगोपाल गोयल ने कार्यक्रम की रूपरेखख् विचार रखे।
इस सी.एम.ई. में विभिन्न मेडिकल कॉलेजों से मनोरोग में पी.जी. कर रहे छात्र-छात्राओं के लिए बच्चों एवं किशोर अवस्था मानसिक रोग विषय पर एक प्रतियोगिता का आयोजन भी रखा गया है,जिसमें विजेता छात्र/छात्रा को पुरस्कृत भी किया गया।
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