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सत्रहवें दिन लंपी बीमारी की ग्रास बनी गायों के मुआवजे हेतु जनजागृती के लिए गाय-गांव स्वावलम्बन यात्रा आज कालवास, नाथवाना और किसनासर गांवों में पहुंची।

बीकानेर।सत्रहवें दिन लंपी बीमारी की ग्रास बनी गायों के मुआवजे हेतु जनजागृती के लिए गाय-गांव स्वावलम्बन यात्रा आज कालवास, नाथवाना और किसनासर गांवों में पहुंची। 
    यात्रा के राष्ट्रीय संयोजक महेंद्र सिंह गोदारा ने कहा कि राजस्थान में गौपालन मंत्रालय बना रखा है लेकिन वह नाम का ही है। राजस्थान में इतनी बड़ी गौ त्रासदी हो गयी और गौ मंत्रालय के कानों पर जूं तक न रेंगी। गायों के नाम पर गौ मंत्रालय में अंधेरगर्दी छाई हुई है, नाम के गौ मन्त्रालय से अच्छा है कि मंत्रालय ही न हो। सत्ता के पक्ष-विपक्ष सब मौन है क्योंकि गाय का नाम मतदाता सूची में नही है।
     यात्रा के प्रदेश संयोजक गोस्वामी शीशपाल गिरि ने अपने सम्बोधन में कहा कि हरियाणा, पंजाब, महाराष्ट्र और गुजरात सरकारों ने लंपी का मुआवजा देना शुरु कर दिया है, राजस्थान सरकार भी अपनी उदारता का परिचय दे। सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में समाप्त हो रहे दुग्ध व्यवसाय एवं रोजगार के लिए तुरन्त राहत पैकेज जारी करे। गौपालकों का रोजगार खत्म होने से राज्य के राजस्व पर भी प्रत्यक्ष असर पड़ रहा है जिसे मुआवजा जारी कर तुरन्त सम्भालने की जरूरत है। 
      यात्रा के आयोजक एडवोकेट विनोद आर्य ने कहा कि सभी गौपालक एवं आमजन आज लंपी काल से त्रस्त है। सब मिलकर संघर्ष करते रहे, सरकार और प्रशासन को जगाने के लिए प्रयासों को लगातार बढ़ाते रहें।

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