गाय-गांव स्वावलम्बन यात्रा आज नोखा के रासीसर, पारवा, जसरासर आदि गांवों में जनजागरण करते हुए पहुंची।
बीकानेर।गाय-गांव स्वावलम्बन यात्रा आज नोखा के रासीसर, पारवा, जसरासर आदि गांवों में जनजागरण करते हुए पहुंची। जसरासर में यात्रा के पदाधिकारियों को गणेशाराम बाना की अगुआई में ग्रामीणों ने गांव के मुख्य चौक में साफा पहनाकर स्वागत किया।
यात्रा के राष्ट्रीय संयोजक चौधरी महेंद्र सिंह गोदारा ने जसरासर गांव में अपने सम्बोधन में गरजते हुए राजस्थान के सभी लीडरों को चुनौती देते हुए कहा कि वो सभी अपने आपको राष्ट्रवादी, गौ हितैषी, किसान हितैषी, गरीब कल्याणकारी और लोकनेता साबित करना चाहते हैं तो गौपालकों को लंपी से हुए नुकसान का मुआवजा दिलवाएं। सभी ग्रामीण अपने जनप्रतिनिधियों से सवाल पूछो, मांग करो। लीडर का अनुयायी बनना और सहयोगी बनने में बहुत फर्क है। अपनी जायज मांगों को उठाना सीखो, बुलन्दी से बोलना सीखो। अब वक्त नही अंधेरे में रहने का, जागो खुद रोशनी बनकर जग को ज्ञान से रोशन करो। गौ शक्ति पीठ, आम्बासर आपको अंधेरे से उजाले की ओर ले जाएगी। यात्रा के प्रदेश संयोजक गोस्वामी शीशपाल गिरि ने अपने संबोधन में कहा कि समाज की पांचों व्यवस्थाओं पर बाते होनी चाहिये, लेकिन आज के इस युग में केवल राजनीतिक व्यवस्था पर बाते हो रही तथा राजनीति में भी सुचिता नहीं रही है।सुचिता जरुरी है और सुचिता बिना गाय की कद्र किए हो नहीं सकती है।राजनीतिक लोगों ने लंपी जैसी महामारी के बाद भी गाय की चर्चा तक नही की ।अब समाज में आक्रोश है इसलिए सभी राजनीतिक लोगों को बोलना पड़ेगा तभी गांवों में घुसना संभव हो सकेगा।हमारी सरकार से मांग है कि तुरंत मुआवजा की घोषणा करनी चाहिए।
आयोजक आर्य ने नोखा गांव के ग्रामीणों से अपील की 6 फरवरी को नोखा आओ तथा ज्ञापन और प्रदर्शन के यज्ञ में अपनी आहुति देकर इस कार्यक्रम को सफल बनावे।
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