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एक मुश्त समाधान योजना से जुड़े दिशानिर्देश जारी।

बीकानेर,19 जून। राजस्थान अनुसूचित जाति जनजाति वित्त एवं विकास निगम लिमिटेड निगम की परियोजना प्रबंधक श्रीमती कविता स्वामी ने बताया कि ऋण चुकाने में राहत के लिए एकमुश्त समाधान योजना (ओटीएस) 2025-26 के अंतर्गत राष्ट्रीय अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम (एनएसएफचीसी), राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति वित्त एवं विकारा निगम (एनएसटीफडीसी) राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी वित्त एवं विकास निगम (एनएसकेएफडीसी) राष्ट्रीय दिव्यांगजन वित्त एवं विकास निगम (एनडीएफडीसी) एवं राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग वित्त एवं विकास निगम की योजनाओं में स्वीकृत ऋण के ऋणी शामिल होंगे। 
स्वामी ने बताया कि इन योजनाओं के अंतर्गत 31 मार्च 2024 तक अतिदेय मूलधन के जमा कराने वाले लाभार्थी साधारण ब्याज एवं दण्डनीय ब्याज की छूट के लिए पात्र होंगे। यह योजना 31 दिसंबर 2025 तक प्रभावी रहेगी।
 उन्होंने बताया कि एकमुश्त समाधान योजना' का लाभ लेने के लिए, अतिदेय मूलधन जमा कराने की अवधि 1 मई से 30 सितंबर 2025 तक होगी। योजना की निर्धारित अवधि 1 मई से 30 सितंबर में 31 मार्च 2024 को अतिदेय मूलधन जमा कराने वाले ऋणी का अतिदेय ब्याज एवं शास्ति माफ की जाएगी। एकमुश्त समाधान योजना का लाभ लेने के लिए 31 मार्च 2024 को अतिदेय मूलधन एवं ब्याज जमा कराने की अवधि 1 अक्टूबर से 31 दिसंबर 2025 तक होगी। योजना की निर्धारित अवधि 1 अक्टूबर से 31 दिसंबर 2025 तक मूलंघन एवं ब्याज जमा कराने वाले ऋणी की शास्ति ही माफ की जाएगी।परियोजना प्रबंधक ने बताया कि इस योजना में केवल बकाया साधारण ब्याज एवं दण्डनीय ब्याज की छूट दी जाएगी। अनुजा निगम अथवा आरओबीसीएफसीसी द्वारा 31 मार्च 2024 तक अतिदेय मूलधन के जमा कराने वाले लाभार्थी पर एकमुश्त समाधान योजना लागू होगी। उन्होंने बताया कि इस योजना में बकाया अतिदेय मूलधन अथवा मूल ऋण राशि 30 सितंबर 2025 तक जमा करवाने वाले लाभार्थी एवं आवेदकों की अतिदेय व्याज एवं शारित माफ की जाएगी। इस योजना में अतिदेय मूलधन में किसी प्रकार की छूट दे नहीं होगी। उन्होंने बताया कि योजना से संबंधित अधिक जानकारी के लिए अनुजा निमग कार्यालय में संपर्क किया जा सकता है।

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