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पुण्य की भावना के साथ चलाएं नशा मुक्ति अभियान-मेहता15 अगस्त से होगी नशा मुक्ति गाना अभियान की औपचारिक शुरुआतजिला कलेक्टर ने ली तैयारी बैठक

विजय कपूर
उमेश मोदी
बीकानेर, 5 अगस्त। जिला कलेक्टर नमित मेहता ने कहा है कि नशा युवा पीढ़ी और देश के भविष्य के लिए दीमक की तरह है। नशे से मुक्त युवा पीढ़ी तैयार करने के लिए अतिरिक्त प्रतिबद्धता से काम करने की जरूरत है। बुधवार को कलेक्ट्रेट सभागार में नशा मुक्ति अभियान की तैयारी बैठक में जिला कलेक्टर ने कहा कि एक आदमी को व्यसनमुक्त करने का अर्थ एक परिवार के भविष्य को सुरक्षित बनाना और संबल देना है। मेहता ने कहा कि इस अभियान को समाज की सर्वोत्तम सेवा और पुनीत कार्य की भावना के साथ चलाया जाना चाहिए। अधिक से अधिक लोग इस अभियान से जुड़े इसके लिए सभी संबंधित एजेंसियां और विभाग रणनीतिक रूप से कार्ययोजना बनाते हुए अभियान की शुरुआत करें और नशा मुक्त बनाने में अपना अहम योगदान दें।

जागरूकता के साथ पुनर्वास पर हो काम
मेहता ने कहा कि अभियान के तहत जागरूकता के साथ-साथ नशे से ग्रस्त लोगों का सर्वे, चिन्हीकरण इलाज तथा पुनर्वास पर विशेष ध्यान दिया जाए। नशा मुक्ति के लिए उपलब्ध चिकित्सा सुविधाओं की नियमित मॉनिटरिंग के स्तर पर भी काम किया जाए। नशा मुक्ति के प्रति जागरूकता विशेषकर युवा वर्ग को इससे जोड़ते हुए रणनीति बनाई जाए। वर्तमान में कोरोना संकट के मद्देनजर सोशल डिस्टेंसिंग जैसे नियमों के अनुपालना करते हुए डिजिटल माध्यमों से जागरूकता अभियान चलाएं ।अभिभावकों और युवाओं को सोशल मीडिया के जरिए इस कैंपेंन से जोड़े। मेहता ने कहा कि विभिन्न कॉलेजों और सीनियर सेकेंडरी स्कूलों के बच्चों के क्लब बनाकर जागरूकता गतिविधियां आयोजित की जाए। इस कार्य में एनसीसी, एनएसएस , नेहरू युवा केंद्र , स्काउट गाइड सहित स्वयंसेवी संस्थाओं और एनजीओ की विशेष मदद ली जाए।

नशे से ग्रस्त लोगों का हो सर्वे
मेहता ने कहा कि नशा मुक्ति के लिए इलाज और पुनर्वास हेतु सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग संबंधित एजेंसियों के साथ मिलकर सर्वे और चिन्हीकरण  का काम करें। चिन्हित लोगों को नशा मुक्त बनाने के लिए चिकित्सा और पुनर्वास की दिशा में वर्तमान में कार्यरत स्वयंसेवी संगठनों और एनजीओ की मदद से काम हो। इस कार्य में पुलिस और चिकित्सा विभाग विशेष एजेंसी के रूप में अपना सेवाएं दें। मेहता ने कहा कि नशा मुक्ति के संदेश और प्रेरणा के लिए पीयर एजुकेटर का उपयोग करते हुए ग्रामीण क्षेत्रों में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों अधिकारियों की मदद से इस दिशा में काम करें।
सिस्टम अपग्रेडेशन के लिए बनाए प्रस्ताव
जिला कलेक्टर ने कहा कि वर्तमान में नशा मुक्ति के लिए उपलब्ध चिकित्सा सेवाओं और संस्थाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित करने और सेवाओं की बेहतरी के लिए  मॉनिटरिंग सिस्टम को अपग्रेड करने की जरूरत है। चिकित्सा विभाग व प्रशासनिक अधिकाार मिलकर उपलब्ध संसाधनों की नियमित रूप से  मॉनिटरिंग करें और उनकी बेहतरी के लिए प्रस्ताव तैयार कर भिजवाएं।
बैठक में पुलिस अधीक्षक प्रहलाद सिंह कृष्णिया ने कहा कि व्यसन मुक्ति के संबंध में परिवार की भूमिका सबसे अहम है। इसलिए जागरूकता गतिविधियों में परिवार को शामिल करते हुए रणनीति तैयार की जाए। उन्होंने कहा कि भांग, डोडा पोस्त, अमल, अफीम जैसे व्यसन से ग्रस्त लोग अपने परिवारों से कटाव महसूस करते हैं अतः परिवार के लोग ऐसे सदस्यों पर विशेष ध्यान रखते हुए उन्हें पुनर्वास की दिशा में ले जाने में अहम भूमिका निभा सकते हैं। उन्होंने बताया कि नशीली सामग्री की जब्ती पर लगातार संयुक्त रूप से कार्रवाई की जा रही है। साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि सभी स्कूलों के 100 मीटर के दायरे में किसी भी प्रकार की नशीली सामग्री की बिक्री ना हो।
बैठक में एडीजे और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव पवन अग्रवाल ने कहा कि नशा मुक्ति के लिए जागरूकता और पुनर्वास पर काम किया जा रहा है। नशा मुक्ति अभियान के तहत इस संदर्भ में व्यापक कार्यक्रम और गतिविधियां आयोजित की जाएगी। जागरूकता के साथ साथ जेल में आने वाले नशे की लत से ग्रस्त व्यक्तियों के मुक्ति के लिए चिकित्सा विभाग की मदद से सर्वे कर ऐसे लोगों को चिन्हित करते हुए पुनर्वास सुनिश्चित किया जाएगा।
15 अगस्त से शुरू होगा नशा मुक्त बीकाणा अभियान
सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग के उपनिदेशक एलईडी पंवार ने बताया कि 15 अगस्त से नशा मुक्त भारत अभियान की औपचारिक शुरुआत की जाएगी। अभियान के तहत नशा मुक्ति के प्रति जागरूकता और संसाधन बेहतरी के लिए विशेष गतिविधियां आयोजित की जाएगी। नशा मुक्त बीकाणा नाम से चलने वाले अभियान में सरकारी विभागों के अतिरिक्त दंतोर विकास सार्वजनिक  पुण्यार्थ  ट्रस्ट, एन आर असवाल चैरिटेबल संस्था, नशा मुक्त पुनर्वास केंद्र बीकानेर, एनसीसी और भारत स्काउट एवं गाइड का  सहयोग लिया जाएगा। 31 मार्च 2021 तक चलाए जाने वाले इस अभियान के तहत विद्यार्थी क्लबों का गठन, कोटपा अधिनियम के तहत आवश्यक कार्यवाही , सर्वे काउंसलिंग, मेंटल हैल्थ प्रतिनिधियों को प्रशिक्षण, जागरूकता और प्रचार-प्रसार गतिविधियां आयोजित की जाएगी।
बैठक में मनोचिकित्सक डॉ सिद्धार्थ असवाल ने कहा कि नशा मुक्ति में कम्युनिटी पार्टिसिपेशन बहुत आवश्यक है। सेल्फ हेल्प ग्रुप के जरिए भी इफेक्टेड  और स्लम एरियाज पर विशेष ध्यान देकर नशा मुक्ति अभियान को सफल बनाया जा सकता है। बैठक में अतिरिक्त जिला कलेक्टर शहर सुनीता चैधरी, प्रशिक्षु आईएएस कनिष्क कटारिया, सीएमएचओ डॉ बीएल मीना, विभिन्न स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि और इस संबंध में गठित समिति के सदस्य उपस्थित थे।

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