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बीकानेर की लोक कला एवं साहित्य, लोक नाट्य का प्रचार-प्रसार हो-डाॅ.कल्ला

बीकानेर, 26 फरवरी। कला, साहित्य,  संस्कृति एवं पुरातत्व मंत्री डाॅ. बी.डी.कल्ला ने कहा कि राजस्थान की संस्कृति सबसे अलग तो है ही, साथ ही इस राज्य का साहित्य और वास्तुकला के क्षेत्र में भी खासा योगदान रहा है।डाॅ.कल्ला शुक्रवार को स्थानीय आशापुरा मंदिर के पीछे, नत्थुसर गेट के बाहर रामलाल जी छंगाणी के आवास में स्थापित सियाणा भैरव मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा समारोह में बोल रहे थे। उन्होंने  भैरव जी के दर्शन किया एवं और कहा कि साहित्य की तरह संगीत के क्षेत्र में भी राजस्थान का उल्लेखनीय योगदान रहा है। उन्होंने  उपस्थित सभी भैरव भक्तों से बीकानेर की लोक कला, साहित्य एवं लोक नाट्य कला को बढावा देने के लिए एवं इसका प्रचार विश्व स्तरीय करने के हेतु एवं लोक नाट्य कला एवं बीकानेर धरोहर (रम्मत, चंग धमाल एवं अन्य) और कलाकारों को सरंक्षण हेतु चर्चा की। भारती आॅडियों कैसेट कम्पनी के निदेशक राजेन्द्र कुमार छंगाणी से स्थानीय संस्कृति एवं कला के उत्थान हेतु फिल्म निर्देशन करने हेतु उन्हें निर्देश दिए, जिसमें उन्होंने बताया कि स्थानीय संस्कृति में स्थानीय भाषा, स्थानीय परिधान एवं धरोहर का फिल्मांकन कर उसे राज्य सरकार के बजट घोषणा अनुसार प्रस्ताव तैयार कर सरकार को प्रस्तुत करने के लिए कहा। सरकार उक्त कार्य हेतु लगभग 25 लाख रूपये की राशि निर्धारित है एवं इसके साथ ही राज्य सरकार द्वारा उक्त कार्य हेतु जीएसटी से भी मुक्त रखा गया है। मंत्री ने बीकानेर एवं राजस्थान की लोक संस्कृति एवं लोक गायन गीत भी प्रस्तुत किया।इस अवसर पर राजेन्द्र छंगाणी ने बताया कि हमारे संगठन के माध्यम से एक राजस्थानी फिल्म ‘‘ ये कैसा दहेज‘‘  का भी निर्माण एवं फिल्मांकन किया गया है, जिसका पंजीयन वेस्टर्न इण्डिया फिल्म प्रोड्युसर एसोशियेशन, मुम्बई भी किया जा चुका है। इस फिल्प को सेन्सर बोर्ड द्वारा भी स्वीकृति प्राप्त की जा चुकी है।
धर्मेन्द्र छंगाणी, निदेशक जय भैरव वेलफेयर सोसायटी द्वारा लगभग 100 वर्ष से अधिक पुरानी शहर में होने वाली रम्मत, चंग धमाल, लोक नाट्य कला के आयोजन हेतु 500 से भी अधिक कलाकारों को नए आधुनिक तरीके से रंग मंच के माध्यम से ट्रेनिंग के लिए कार्यक्रम, किताब निर्माण एवं विमोचन, सोशल मिडिया के कार्यक्रम करवाने हेतु ज्ञापन दिया। इस कार्यक्रम के दौरान उप निदेशक जनसम्पर्क विकास हर्ष, म्युजिक डायरेक्टर रफीक राजा, मुन्ना भादाणी, शेर महाराज, गोगडू महाराज, श्यामलाल छंगाणी, शिवकुमार छंगाणी, इत्यादि माजूद थे।

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