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एनआरसीसी द्वारा गांव सांवता में पशु स्‍वाास्‍थ्‍य शिविर एवं संवाद कार्यक्रम का आयोजन

 

जैसलमेर 08.12.2021  l भाकृअनुप-राष्ट्रीय उष्ट्र अनुसन्धान केंद्रबीकानेर द्वारा अनुसूचित जाति योजना के तहत गांव सांवताजैसलमेर में पशु स्वास्थ्य शिविर एवं कृषक वैज्ञानिक संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया ।  आयोजित शिविर में गांव सांवता व आस पास के 113 पशुपालकों ने अपने पशुओं यथा- ऊँट 654, गाय 125, भेड़ व बकरी 650 कुल 1429 पशुओं सहित अपनी सहभागिता निभाते हुए शिविर में प्रदत पशु स्वास्थ्य सुविधाओं का भरपूर लाभ लिया । शिविर में महिलाओं की अच्‍छी खासी सहभागिता देखी गई ।

 इस अवसर पर केंद्र निदेशक डॉ. आर्तबंधु साहू ने पशुपालकों से बातचीत करते हुए कहा कि बदलते परिवेश में पशुपालन व्यवसाय को अद्यतन जानकारी एवं नूतन आयाम के रूप में अपनाने से पशुपालकपशुधन से अधिक से अधिक उत्पादन प्राप्त सकते हैं। केन्‍द्र निदेशक डॉ.साहू ने विशेषकर ऊँटनी के दूध से निर्मित मूल्‍य संवर्धित उत्‍पादों कुल्‍फी, आइसक्रीमसुगन्धित दूधचायकॉफीपेड़ाखीर आदि का जिक्र करते हुए कहा कि एनआरसीसी द्वारा ऊँटनी के दूध से ऐसे कई विभिन्‍न स्‍वादिष्‍ट दुग्‍ध उत्‍पाद तैयार किए गए हैं जो कि आमजन में काफी लोकप्रिय हो रहे हैं। 

प्रदेश में ऊँटों की संख्‍या को ध्‍यान में रखते हुए ऊँटनी के दुग्‍ध व्‍यवसाय में प्रबल संभावनाएं व्‍याप्‍त है। डॉ. साहू ने प्रदेश में उष्‍ट्र पर्यटन विकास की प्रबल संभावनाओं को व्‍यक्‍त करते हुए कहा कि ऊँट एक राजकीय पशु’  है तथा क्षेत्र में ऊँट बाहुल्‍य स्थिति एवं महत्‍व को देखते हुए पशु मेलोंऊँट उत्‍सव आदि विविध महत्‍वपूर्ण अवसरों पर उष्‍ट्र पर्यटन विकास को सरकार द्वारा तरजीह दी जाए तो इससे न केवल ऊँट पालकों अपितु प्रदेश में ऊँट की स्थिति में भी सुधार लाया जा सकता है।  इस अवसर पर उन्होंने पशुपालकों को सरकारी योजनाओं के भरपूर लाभ उठाने की भी बात कही।

इस अवसर पर केन्‍द्र की एससीएसपी उपयोजना के नोडल अधिकारी डॉ. आर.के.सावलप्रधान वैज्ञानिक ने बताया कि महिला पशुपालकों को पशुओं से स्‍वच्‍छ दूध उत्‍पादन प्राप्‍त करने हेतु थनों की अच्‍छी तरह साफ-सफाई एवं स्‍वच्‍छ दूध उत्‍पादन प्राप्‍त हेतु जानकारी दी गई तथा उन्‍हें इस हेतु संबंधित उपकरण यथा- चीचड़ो की समस्‍या हेतु स्‍प्रे, पशुओं के थनों को साफ करने एवं दूध छानने हेतु स्‍वच्‍छ वस्‍त्र आदि का वितरण किया गया।

किसानों से बातचीत करते हुए केन्‍द्र वैज्ञानिक डॉ.शिरीष नारनवरे ने पशुओं में पाए जाने वाले विभिन्‍न रोगों एवं इनसे बचाव आदि की जानकारी दी तथा कहा कि यदि समय रहते पशु का इलाज कराया जाए तो आर्थिक हानि से बचा जा सकता है।

इस अवसर पर डॉ.काशी नाथपशु चिकित्‍सा अधिकारी ने शिविर में पशुओं की स्‍वास्‍थ्‍य स्थिति के बारे में बताया कि अधिकतर पशुओं में चीचड़भूख कम लगनापेट में कीड़े पड़ने आदि रोग देखे गएइनके उपचार के लिए दवा दी गई । साथ ही पशु आहार के रूप में केन्‍द्र द्वारा निर्मित करभ पशु आहार भी वितरित किया गया।





 एनआरसीसी द्वारा आयोजित शिविर में श्री सुमेर सिंहअध्‍यक्षदेगराय संरक्षण समितिजैसलमेर ने कहा कि ऐसे कार्यक्रम आयोजित होने से पशुपालकों को अधिकाधिक लाभ मिल सकेगाइस हेतु उन्‍होंने केन्‍द्र निदेशक डॉ.साहू एवं वैज्ञानिकों का आभार व्‍यक्‍त किया।  केन्‍द्र के श्री मनजीत सिंह ने पशुपालकों के पंजीयनउपचार व आहार आदि जैसे कार्यों में सक्रिय सहयोग प्रदान किया।

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