दूध के मूल्यवर्धन व प्रसंस्करण पर प्रशिक्षण
बीकानेर,8 दिसंबर। स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय, में "'दुग्ध प्रसंस्करण और मूल्यवर्धन के माध्यम से ग्रामीण युवाओं में उद्यमशीलता कौशल का विकास'"विषय पर एनएएचइपी के मुख्य अण्वेषणकर्ता डाॅ.एन.के शर्मा, संयोजक डॉ.विमला डुकवाल एवं सह संयोजकडाॅ.ममता सिंह के नेतृत्व में पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम 3 से 8 दिसंबर तक सामुदायिक विज्ञान महाविद्यालय परिसर में आयोजित हुआ। इस दौरान दूध में होने वाली मिलावट,गुणवत्ता व जांच,दूध का पोषक मान, उपभोक्ता की जागरूकता तथा दूध एवं दूध से मिलने वाले पदार्थों का मूल्य संवर्द्धन कर इससे उद्यमिता कौशल बढ़ाने पर बल दिया गया।
प्रशिक्षण के दौरान राजुवास डेयरी में दूध की प्रसंस्करण इकाई का भ्रमण व दूध के प्रसंस्करण पर डाॅ.विजय कुमार तथा डाॅ.मोहन कुमार द्वारा जानकारी दी गई । प्रशिक्षुओं ने दुग्ध से बनने वाले विभिन्न व्यंजन जैसे कस्टर्ड, रसगुल्ला, रसमलाई, छैना मुरकी, संदेश, गुलाबजामुन, कलाकंद, राब, श्रीखंड,राजभोग, आइसक्रीम आदि बनाने का प्रशिक्षण प्राप्त किया।
इस दौरान विभिन्न क्षेत्रों से 50 से अधिक महिलाओ, प्रगतिशील किसान व युवाओं ने प्रशिक्षण में हिस्सा लिया। प्रशिक्षण के दिन प्रतिभागियों के लिए व्यंजन प्रतियोगिता भी आयोजित की गई। जिसका मूल्यांकन डाॅ. पी.के. यादव तथा डाॅ. सीमा त्यागी द्वारा किया गया। कार्यक्रम में विजेता रहे रतनी आसोपा,माया,भावना, दीक्षा,वीरेन्द्र लूनू ,शेखर,पुष्पेन्द्र को पुरस्कार व प्रमाणपत्र दिए गए।
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