एनआरसीसी द्वारा विश्व ऊँट दिवस का आयोजन।
बीकानेर 22 जून 2022 । भाकृअनुप- राष्ट्रीय उष्ट्र अनुसन्धान केन्द्र तथा वैश्विक अनुसंधानों से अब यह साबित हो चुका है कि ऊँटनी के दूध में भरपूर औषधीय गुण विद्यमान हैं, ऐसे में ऊँट पालकों को चाहिए कि वे अधिक से अधिक ऊँटनी के दूध का उत्पादन करें और इस हेतु एक बाजार/मार्केट तैयार किया जाए ताकि उन्हें अच्छी -खासी आमदनी प्राप्त हो सके।
ये विचार आज भाकृअनुप-राष्ट्रीय उष्ट्र अनुसन्धान केन्द्र द्वारा आयोजित विश्व ऊँट दिवस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रो. (डॉ.) एस.के.गर्ग, माननीय कुलपति, राजुवास, बीकानेर ने व्यक्त किए।प्रो.गर्ग ने एनआरसीसी परिवार को ‘विश्व ऊँट दिवस’ की बधाई संप्रेषित करते हुए कहा कि प्रदेश में ऊँटों की लगातार घटती संख्या एवं सामयिक परिदृश्य में इसकी उपादेयता को बनाए रखने के लिए चिंतन आवश्यक है, इस हेतु राजकीय पशु ‘ऊँट’ पर राज्य से अन्यत्र ले जाने के नियमों में भी शिथिलता बरती जानी अपेक्षित है।
केन्द्र के उष्ट्र संरक्षण एवं विकास में महत्ती योगदान का उल्लेख करते हुए कुलपति महोदय ने इस प्रजाति की संख्या व उपयोगिता में आए समग्र बदलाव (कारण) संबंधी नीतिगत प्रस्ताव, सरकार को प्रस्तुत किए जाने की भी मंशा जताई। प्रो.गर्ग ने इस दौरान ऊँट पालकों से पारस्परिक वार्ता भी की।
केन्द्र निदेशक एवं कार्यक्रम के अध्यक्ष डॉ. आर्तबन्धु साहू ने कहा कि वैश्विक परिप्रेक्ष्य में ऊँटों की निरंतर बढ़ती संख्या (प्रतिशत) एवं इसकी उपयोगिता, दूसरी ओर भारत में इसकी घटती संख्या एवं कम होता महत्व चिंता का विषय है।
डॉ. साहू ने कहा कि यह प्रजाति न केवल प्राचीन समय से बल्कि आज भी उतनी ही प्रासंगिक है, और अगर ऊँट को ‘औषधि भण्डार’ कहा जाए तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी। वैज्ञानिक अनुसंधान से ज्ञात हुआ है कि ऊँटनी का दूध, विभिन्न मानव रोगों यथा-मधुमेह, क्षय रोग, ऑटिज्म आदि में कारगर है। लेकिन इसकी औषधीय महत्व का लाभ आमजन तक पहुंचाने के लिए ऊँट पालकों को सीधे तौर पर एवं सामूहिक रूप से आगे आना होगा।
डॉ.साहू ने उपस्थित ऊँट पालकों का ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि ऊँटनी के दूध का उत्पादन, उसका संग्रहण तथा आमजन तक उपलब्धता हेतु इसका वितरण आदि की सुगम व्यवस्था की जानी होगी जिससे दुग्ध व्यवसाय से वे भरपूर मुनाफा कमा सके। उन्होंने ‘कैमल इको टूरिज्म’ की बात रखते हुए केन्द्र द्वारा इस क्षेत्र में पर्यटनीय सुविधाओं के विकास संबंधी पहल से पर्यटकों का आकर्षण बढ़ने एवं इनसे लाभ मिलने की भी बात कहीं।
इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि श्री भानुप्रताप ढाका, उप निदेशक, पर्यटन विभाग ने कहा कि प्रदेश की संस्कृति में अपने महत्ती योगदान के कारण ‘ऊँट’ की गहरी पेठ है। उन्होंने ऊँट की जीव्यता बनाए रखने के लिए जैविक खेती में इसके उपयोग पर जोर दिया साथ ही उष्ट्र प्रजाति को नए राज्यों में बढ़ावा दिए जाने हेतु ‘उष्ट्र डेयरी’ या ‘पर्यटनीय-सजावटी ऊँट’ जैसे मॉडल तैयार करने की अपेक्षा जताई।
इस दौरान विशिष्ट अतिथि डॉ.दिलीप कुमार समादिया, निदेशक, भाकृअनुप-केन्द्रीय शुष्क बागवानी संस्थान, बीकानेर ने एनआरसीसी को उष्ट्र दिवस की बधाई देते हुए कहा कि विज्ञान का काम नव निर्माण करना है तथा इस हेतु वैज्ञानिक, बागवानी खेती (चारा फसल आदि सहित) से पशुपालन व्यवसाय को अधिकाधिक लाभ पहुंचाने हेतु प्रयासरत है ताकि ऊँट, भेड़, बकरी आदि पशुपालन में संबंल प्राप्त हो सके।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि डॉ. आर.के.सिंह, अधिष्ठाता, सी.वी.ए.एस., राजुवास, बीकानेर ने ऊँटनी के दूध की विभिन्न मानव बीमारियों में औषधीय उपयोगिता पर अपनी बात रखी। इस अवसर पर किसान प्रतिनिधि के रूप में श्री श्रीगोपाल उपाध्याय, पूर्व सरपंच, मेघासर ने एनआरसीसी द्वारा उष्ट्र प्रजाति के विकास में किए जा रहे प्रयासों की सराहना की वहीं ऊँट पालक सबीर खां ने ऊँट पर्यटन व्यवसाय से जुड़ी आवश्यकताओं का उल्लेख किया।
विश्व ऊँट दिवस के उपलक्ष्य पर एनआरसीसी द्वारा मुख्य तौर पर उष्ट्र प्रदर्शनी एवं पशु स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया जिसमें बीकानेर सहित जिले के विभिन्न गांवों यथा- सुजानेदसर, करमीसर, गड़सीसर, भोजूसर, बछासर, श्रीरामसर, उदयरामसर, शिवबाड़ी, कोटड़ी, जैतासर, गाढवाला, केशरदेसर आदि के ऊँट पालकों ने अपने पशुओं सहित शिरकत की। ऊँट पालकों को केन्द्र द्वारा विकसित मिश्रित पशु आहार व दाना आहार भी वितरित किया गया।
वहीं इस अवसर पर आयोजित सर्वश्रेष्ठ नर ऊँट प्रतियोगिता में इमरान खान ने प्रथम, रफीक खान ने द्वितीय, नैनूराम ने तृतीय तथा मुरली गहलोत व महमूद खान ने सांत्वना पुरस्कार अर्जित किया वहीं सजावटी ऊॅट प्रतियोगिता में संजय खान ने प्रथम, इमरान ने द्वितीय, महमूद ने तृतीय तथा सांत्वना पुरस्कार नैनूराम प्राप्त किया। सभी विजेताओं को प्रशस्ति पत्र व नकद पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। डॉ. वेद प्रकाश, वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं कार्यक्रम समन्वयक द्वारा सभी के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया गया।




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