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सन्मार्ग पर चलें तथा अपने स्वभाव को सुधारें-साध्वीश्री मृृगावतीनाल दादाबाड़ी में गुरु इक्तीसा का 108 पाठ व पूजा आज

बीकानेर 27 जुलाई। जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ संघ की साध्वीश्री मृृगावतीश्रीजी म.सा.व नित्योदयाश्रीजी  ने बुधवार को रांगड़ी चैक के सुगनजी महाराज के उपासरे में प्रवचन में कहा कि सन्मार्ग पर चलें तथा अपने कार्य, व्यवहार व स्वभाव को सुधारें।
उन्होंने कहा कि सन्मार्ग पर चलने व अपने स्वभाव को सुधारने, देव मंदिरों में निष्काम और आत्मभाव से पूजा अर्चना व भक्ति करने, आत्मगुणों का विकास करने से ही अंतर यात्रा की जा सकती है। आत्मा को सद््गुणों से विभूषित करें, अपने आप में व्याप्त दुर्गुणों, बुरे विचारों, कषायों से दूर रखें। अहिंसा, अनेकांत व अपरिग्रह जीवन का प्रमुख आधार है। 
 जीवन की इस नींव को मजबूत बनाएं । साध्वीवृृंद व श्रावक-श्राविकाओं ने बुधवार को अट्ठाई तप की तपस्वी श्रीमती निशा बोथरा के छह की तपस्या की अनुमोदना की।जिन कुशल सूरिश्वरजी दादाबाड़़ी-नाल गांव में स्थित दादा कुशल गुरुदेव की दादाबाड़ी में गुरुवार को गुरु इक्कीसा का पाठ व पूजा होगी।
 साध्वीवृृंद सुबह पांच बजे सुगनजी महाराज के उपासरे से दादाबाड़ी के लिए प्रस्थान करेंगी। पुरानी जेल रोड से श्रावक-श्राविकाओं के लिए दोपहर एक बजे से बसों की व्यवस्था श्री सुगनजी महाराज का उपासरा व चातुर्मास व्यवस्था समिति ने की है।
 सुगनजी महाराज का उपासरा ट्रस्ट के मंत्री रतन लाल नाहटा ने बताया कि साध्वीवृृंद के नेतृृत्व में दो चरणों में सुबह सवा नौ बजे से साढ़े ग्यारह बजे और सवा बारह बजे से सवा दो बजे तक सुश्रावक-श्राविकाओं द्वारा 27-27 बार सस्वर पाठ होगा।  वहीं गुरु इक्कतीसा 54 पाठ साध्वीवृृद स्वयं करेंगे। सुगनजी महाराज के उपासरे में गुरुवार व शुक्रवार को प्रवचन नहीं होगा। शनिवार को पुनः सुबह नौ बजे से सवा दस बजे तक नियमित प्रवचन होंगे। 

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