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बच्चों-किशोरों में मानसिक तनाव का ये है बड़ा कारण,अभिभावक हो जाएं सतर्क

बीकानेर। इंडियन साइकेट्रिक सोसायटी, राजस्थान चैपटर की वार्षिक मिड टर्म सी. एम.ई. का आयोजन मानसिक रोग एवं नशामुक्ति विभाग पी.बी.एम. हॉस्पिटल एवं बीकानेर साईकेट्रिक सोसायटी द्वारा 16 जुलाई को होटल पार्क पैराडाईज में किया जाएगा। 
इस एक दिवसीय शैक्षणिक गतिविधि में एम्स दिल्ली पी.जी.आई.चंडीगढ़, एम्स जोधपुर,जी.एम.सी.एच. चंढीगढ़ के साथ-साथ प्रदेश भर के समस्त मनोचिकित्सक भाग लेंगें। पत्रकारों को इसकी जानकारी देते हुए सी.एम.ई के आयोजक सचिव डॉ हरफूल सिंह एवं संयुक्त सचिव डॉ श्रीगोपाल गोयल ने बताया कि इसमेंं बच्चों और किशोरों में मिलने वाले सभी प्रकार के मानसिक रोगों पर चर्चा होगी। साथ ही एम्स दिल्ली से डॉ विचित्र नंदा पात्रा बच्चों और किशोर अवस्था में स्वयं को नुकसान पहुंचाने व आत्महत्या के कारणों के बारे में चर्चा करेगें तथा डॉ यतनपाल सिंह इंटरनेट एडिक्शन के बारे में बतायेंगे।
 जी.एम.सी.एच. चंढीगढ़ से डॉ प्रीती अरूण आटिज्म के ईलाज के बारे में जानकारी देंगी। एम्स जोधपुर से डॉ नरेश नेभिनानी बच्चों पर होने वाले यौन प्रताडऩा कानूनी प्रावधान तथा सामाजिक परिस्थितियों में इसके रोकथाम के बारे में चर्चा करेंगे। उन्होंने बताया कि पी.जी.आई. चंडीगढ़ से डॉ अखिलेश शर्मा आज के अत्याधुनिक युग में स्क्रीन मीडिया का बच्चों के मानसिक विकास पर होने वाले प्रभावों के बारे में बतायेगें तथा
 एस.एम.एस. मेडिकल कॉलेज, जयपुर से डॉ गुंजन सोलंकी बच्चों व किशोरों में ओ.सी.डी. के उपचार के लिए हाल ही में विकसित नई उपचार विधियों के बारे में प्रकाश डालेंगे। इस सी.एम.ई. में विभिन्न मेडिकल कॉलेजों से मनोरोग में पी.जी. कर रहे छात्र-छात्राओं के लिए बच्चों एवं किशोर अवस्था मानसिक रोग विषय पर एक प्रतियोगिता का आयोजन भी रखा गया है,
जिसमें विजेता छात्र/छात्रा को पुरस्कृत भी किया जाएगा। पत्रकार वार्ता में डॉ संगीता हटीला,डॉ राकेश गढ़वाल व डॉ निशांत भी मौजूद रहे।डॉ सिंह ने बताया कि वर्तमान परिस्थितियों में मानसिक रोगियों की संख्या में 6 से 25 प्रतिशत की वृद्वि हुई है और आत्महत्या के मामले दस प्रतिशत तक बढ़ गये है। जो चिंता का विषय है। 
इसका बड़ा कारण इंटरनेट एडिक्शन व मोबाइल है। जिसकी वजह से बच्चों व किशोरों में जल्द आक्र ोशित होने और मानसिक दबाव की स्थितियों पैदा हो रही है। इसको लेकर अभिभावकों को सजग होने की जरूरत है।

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