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गर्म शुष्‍क एवं अर्ध शुष्‍क क्षेत्रों में बागवानी विस्‍तार तकनीकियों पर प्रशिक्षण ।

 बीकानेर। भाकृअनुप-केंद्रीय शुष्क बागवानी संस्थान, बीकानेर एवं राष्‍ट्रीय कृषि विस्‍तार प्रबंधन संस्थान (मेनेज), हैदराबाद के संयुक्‍त तत्‍वावधान में ''गर्म शुष्क और अर्ध-शुष्क क्षेत्रों में जलवायु अनुकूल बागवानी प्रौद्योगिकियों को बढ़ावा देने के लिए विस्तार रणनीतियां'' विषय पर पांच दिवसीय प्रशिक्षण का आज उद्घाटन हुआ। ऑनलाईन रूप में आयोजित होने वाला यह प्रशिक्षण कार्यक्रम 11 से 15 अक्‍टूबर 2022 तक चलेगा। इस प्रशिक्षण में देश के विभिन्‍न 22 राज्‍यों के 100 से अधिक प्रतिभागी भाग ले रहे हैं। 
 उद्घाटन सत्र में मुख्‍य अतिथि डॉ. डी. के. समादिया, निदेशक, केशुबासं, बीकानेर ने कहा कि आने वाला समय शुष्‍क बागवानी का है और यहां से निकाली गयी किस्‍मों एवं उन्‍नत तकनीकियों का सुनहरा भविष्‍य है। उन्‍होंने कहा कि देश के गर्म शुष्‍क और अर्ध-शुष्‍क क्षेत्रों में 50 से अधिक फल और सब्‍जी फसलें होती है जिन पर सतत अनुसंधान कार्य हो रहा है। जल का समुचित उपयोग करने के लिए कम पानी के प्रयोग से अधिक उपज वाली किस्‍मों का विकास हमारी प्राथमिकता रहती है। इस संस्‍थान ने कम पानी वाले गर्म क्षेत्रों के अनुकूल किस्‍मों का विकास किया है जिससे इन क्षेत्रों में बागवानी फसलों को बढ़ावा मिल रहा है। 
 उद्घाटन सत्र में स्‍वागत सम्‍बोधन करते हुए राष्‍ट्रीय कृषि विस्‍तार प्रबंधन संस्थान (मेनेज), हैदराबाद के निदेशक एवं इस प्रशिक्षण के समन्‍वयक डॉ. एन. बालासुब्रमणी ने कहा कि शुष्‍क और अर्धशुष्‍क में उगाए जाने वाली फल व सब्‍जी फसलों की जलवायु अनुकूल किस्‍में और तकनीकियां विकसित करने में केशुबासं, बीकानेर का महत्‍वपूर्ण स्‍थान है। यह प्रशिक्षण इसी बात को सार्थक करता है। मेनेज ने इन क्षेत्रों में इस संस्‍थान द्वारा विकसित की गयी तकनीकियों को पंहुचाने की पहल की है और यह प्रशिक्षण इसी बात का ध्‍योतक है ।  प्रशिक्षण के स्‍थानीय समन्‍वयक और प्रधान वैज्ञानिक डॉ. एस. आर. मीना ने इस अवसर पर पांच दिवसीय इस प्रशिक्षण की रूपरेखा को विस्‍तार पूर्वक बताया। उन्‍होंने कहा कि पांच दिनों के प्रशिक्षण में कुल 22 व्‍याख्‍यान होंगे। इनकों देश के प्रमुख संस्‍थानों एवं कृषि विश्‍वविद्यालयों के विषय विशेषज्ञ वैज्ञानिकों द्वारा दिया जाएगा। प्रशिक्षण में राजस्‍थान, हरियाणा, गुजरात, मध्‍य प्रदेश, उत्‍तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, तमिलनाडू, पंजाब, जम्‍मू काश्‍मीर, उत्‍तराखण्‍ड, बिहार, छत्‍तीसगढ़, आसाम, मेघालय, सहित अन्‍य प्रदेशों में स्थित भाकृअनुप के संस्‍थान, कृषि विश्‍वविद्यालयों, कृषि विज्ञान केन्‍द्रों, राज्‍य कृषि विभागों एवं एनजीओं के वैज्ञानिक, तकनीकी अधिकारी, छात्र-छात्राएं, प्रगतिशील किसान, आदि भाग ले रहे हैं। प्रशिक्षण में संस्‍थान के वैज्ञानिक डॉ. रमेश कुमार, डॉ. राम प्रसन्‍न मीना, श्री आर. सी. बलाई, तथा डॉ. हनुमान राम, को सह समन्‍वयक बनाया गया है।    

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