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गाय-गांव स्वावलम्बन यात्रा 22वें दिन शेरपुरा, घेसुरा, रामबाग, महाजन आदि गांवों में जनजागरण करते हुए पहुंची।

  बीकानेर । गाय-गांव स्वावलम्बन यात्रा 22वें दिन शेरपुरा, घेसुरा, रामबाग, महाजन आदि गांवों में जनजागरण करते हुए पहुंची। 
   यात्रा के राष्ट्रीय संयोजक चौधरी महेंद्र सिंह गोदारा ने ग्रामीणों को सम्बोधित करते हुए कहा कि अब ग्रामीणों को खुद के लिए भी साझा कार्यक्रम करना सीखना चाहिये। आप गौपालकों का नुकसान हुआ है, आपको अपने गांव में भी एवं पड़ौसी गांवों से संवाद बढ़ाकर अपने अधिकारों के लिए एक रहे। नकली दूध बेचने और बनाने वालों पर गौपालक मिलकर कार्यवाही करें। यह नकली माल बनाने वाले गौपालकों का हक छीन रहे हैं। लंपी महामारी से गौपालकों की गायें खत्म हो गयी है और कुछ व्यापारी लोग नकली, मिलावटी और सिंथेटिक दूध बनाकर गौपालकों को बदनाम कर रहे हैं। गौपालकों को कोई भी नुकसान हम होने नही देंगे। सभी गौपालक आंदोलन को और तेज करेंगे और सरकार से लंपी से हुए नुकसान का मुआवजा लेकर रहेंगे।
      यात्रा के प्रदेश संयोजक गोस्वामी शीशपाल गिरि ने कहा कि गाय, गंगा,गीता, गुरु और गांव हमारी संस्कृति है। हमारी संस्कृति के एक एक स्तम्भ को हम मजबूत रखेंगे। लंपी बीमारी ने गाय-गांव को प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित किया है, और हम लगातार सरकार से यह मांग कर रहे हैं कि गांव को सुदृढ़ बनाये रखने के लिए गाय का अस्तित्व भी जरूरी है, इसलिए लंपी महामारी से हुए नुकसान का मुआवजा सरकार जल्द से जल्द गौपालकों के खाते में डालें।

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