कभी भी स्वार्थ की मित्रता नहीं करनी चाहिए - निर्मल महाराज, भटिया बने सुदामा।
बीकानेर। पवनपुरी सेक्टर नंबर 4 के नेहरू बाल उद्यान में चल रही श्रीमद् भागवत कथा में शनिवार को कथा वाचक निर्मल महाराज ने सुदामा चरित्र के बारे में बताया की मित्रता करें तो भगवान श्री कृष्ण और सुदामा जैसी सच्चा मित्र वही है।जो अपने मित्र की परेशानी को समझें और बिना बताए ही मदद करे परंतु आज केवल स्वार्थ की मित्रता रह गई है जब तक स्वार्थ सिद्ध नहीं होता है तब तक मित्रता रहती है। उन्होंने बताया कि सुदामा चरित्र हमें जीवन में आई कठिनाइयों का सामना करने की सीख देता है। सुदामा ने भगवान के पास होते हुए भी अपने लिए कुछ नहीं मांगा अर्थात निस्वार्थ समर्पण ही असली मित्रता है कथा के बीच बीच में भजनों पर श्रद्धालुओं ने नृत्य भी किया और इस दौरान कृष्ण-सुदामा की सजीव झांकी सजाई गई। कथा के दौरान सुदामा चरित्र के वर्णन को सुनकर श्रोता भावविभोर हो गए। इस दौरान राजेंद्र सहारण, अनिल भूटानी, किरण भूटानी, केवल कृष्ण बाली और सोनिया बख्शी आदि उपस्थित रहे। कथावाचक ने कहा राजकुमार भाटिया ने सुदामा चरित्र की बड़ी शानदार प्रस्तुति पेश की।
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