ब्रेकिंग न्यूज़

गौ शक्ति पीठ, आम्बासर बीकानेर द्वारा संचालित गाय-गांव स्वावलम्बन यात्रा आज डूंगरगढ़ तहसील के गांव ऊपनी, कल्याणसर, बाना तथा रिड़ी गांवों में पहुंची।

बीकानेर।गौ शक्ति पीठ, आम्बासर बीकानेर द्वारा संचालित गाय-गांव स्वावलम्बन यात्रा आज डूंगरगढ़ तहसील के गांव ऊपनी, कल्याणसर, बाना तथा रिड़ी गांवों में पहुंची।
    यात्रा के राष्ट्रीय संयोजक चौधरी महेन्द्र सिंह गोदारा ने गांव रिड़ी में कहा कि गाय सनातन का चलता फिरता देवालय है। गाय की सेवा ही शाश्वत सनातन है, उसी के अनुसार ही जीवन जीना चाहिए। सनातन में गाय की सेवा पूण्य का कार्य तो है ही साथ ही यह सम्पूर्ण अर्थतंत्र भी है। गाय अपने दुग्ध उत्पादों के साथ साथ गौमूत्र, गोबर की खाद से भी अर्थव्यवस्था को प्रभावित करती है।गौपालकों को गायों के संवर्धन की प्रक्रिया को जल्दी से सीख कर संवर्धन प्रारंभ करना चाहिए। मिलावटी दूध से गौपालकों की रोजी रोटी पर संकट आ गया है। गायें खत्म होने से दूध कम हो गया है लेकिन बड़ी डेयरियों ने दूध कम होने के नाम पर 8 रुपये प्रति लीटर भाव उपभोक्ताओं से वसूलना शुरू कर दिया लेकिन गौपालकों को 1 रुपया भाव कम देना शुरू कर दिया, हम आरोप लगाते हैं डेयरियों कि यह सरासर लूट है। सरकारें इस और ध्यान दे, गायों और गौपालकों से आशीष लेना सीखो। 
       यात्रा के प्रदेश संयोजक गोस्वामी शीशपाल गिरि ने रिड़ी के वीर बिग्गा जी मंदिर प्रांगण में अपने संबोधन में कहा कि लंपी से बहुत नुकसान हुआ है उसके मुआवजे के लिये संघर्ष आप और हम सब मिलकर कर रहे हैं। इसके साथ साथ हमें गौ संवर्धन के कार्य को सीखना होगा। गायों की कम हो रही संख्या को और कम हो रहे दूध को हम नस्ल संवर्धन का अभियान चलाकर इन चुनौतियों का मुकाबला कर सकते हैं। गांव के युवा साप्ताहिक रूप से गौशाला में महान ग्रन्थ गीता का पाठ करें, उपदेशों को जीवन में उतारें तथा गौशाला में भी अपनी सेवा देवें। यात्रा के संरक्षक महामहीम राष्ट्रपति से सम्मानित वैद्य श्रवण सिंह राठौड़ ने कहा कि यात्रा बहुत ही पुनीत कार्य कर रही है इसलिए सब लोगों को इसमें अपनी भागीदारी निभानी चाहिए।
      यात्रा के आयोजक एडवोकेट विनोद आर्य ने बताया कि रिड़ी गांव में पंचायत प्रतिनिधियों एवं गौशाला प्रतिनिधियों ने उत्साह से यात्रा का स्वागत किया। सभी ने 19 जनवरी तेजा मंदिर डूंगरगढ़ की सभा में ज्यादा से ज्यादा संख्या में पहुंचने का विश्वास दिलाया।

No comments