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गौ शक्ति पीठ,आम्बासर बीकानेर द्वारा संचालित गाय-गांव स्वावलम्बन यात्रा ने लूनकरनसर, श्रीडूंगरगढ़ तहसीलों की सफल यात्रा के बाद नोखा तहसील के गांवों में जनजागरण करते हुए आज सुरपुरा ,सलुंडिया,घटु,अणखीसर,पारवा गांवों में पहुंची ।

बीकानेर।गौ शक्ति पीठ,आम्बासर बीकानेर द्वारा संचालित गाय-गांव स्वावलम्बन यात्रा ने लूनकरनसर, श्रीडूंगरगढ़ तहसीलों की सफल यात्रा के बाद नोखा तहसील के गांवों में जनजागरण करते हुए आज सुरपुरा सलुंडिया,घटु,अणखीसर,पारवा गांवों में पहुंची । 
 यात्रा के राष्ट्रीय संयोजक चौधरी महेंद्र सिंह गोदारा ने अणखीसर गांव की सभा मे सम्बोधित करते हुए कहा कि गौपालकों को संगठन बनाना चाहिए और अपने अधिकारों का ज्ञान प्राप्त करना चाहिए। गायों और गौपालकों की स्थिति का सुधार करने के लिए संघर्ष करना होगा, संगठित होना होगा। सभी गौपालकों को गायों के दूध के उत्पाद तैयार करके विक्रय करना, नस्ल सुधार, पोषक एवं सन्तुलित आहार का प्रबंधन, दूध का मूल्य संवर्धन यानी वैल्यू एडिशन करना सीखना चाहिए। गौ शक्ति पीठ, आम्बासर ने राज्य के गौपालकों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाने की योजना बनायी है। गौपालकों के हर समस्या को ज्वलंत मुद्दा बनाकर सरकार से समाधान करवाएगी।यात्रा के प्रदेश संयोजक गोस्वामी शीशपाल गिरि ने अपने सम्बोधन में गाय की महत्ता बताते हुए कहा श्रीकृष्ण भगवान ने अपनी उम्र गाय की सेवा में बिताई। गीता का ज्ञान दिया। संघर्ष करना सिखाया। गौपालक संघर्ष करने वाला है क्योंकि हम श्रीकृष्ण जी की गीता को पढ़ने और मानने वाले सनातनी है। गौपालकों को लंपी महामारी से गायों का बहुत नुकसान हुआ है। हम सभी गौपालक संघर्ष करके सरकार से हर हाल में मुआवजा लेंगे।
यात्रा के आयोजक एडवोकेट विनोद आर्य ने बताया कि लंपी महामारी से हुए गौवंश का नुकसान का मुआवजा के लिए 6 फरवरी को बागड़ी शिवमन्दिर के सामने, सुजानगढ़ रोड़, नोखा में होने वाली सभा मे नोखा के सभी गांवो से ग्रामीण उत्साह से पहुंच रहे हैं।

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