गाय-गांव स्वावलम्बन यात्रा के दूसरे चरण में आज श्री डूंगरगढ़ के पूनरासर धाम में धोक लगाकर मुआवजा दिलवाने और सरकार को सद्बुद्धि देने की अर्जी लगाई।
बीकानेर। गाय-गांव स्वावलम्बन यात्रा के दूसरे चरण में आज श्री डूंगरगढ़ के पूनरासर धाम में धोक लगाकर मुआवजा दिलवाने और सरकार को सद्बुद्धि देने की अर्जी लगाई। उसके बाद यात्रा माणकरासर एवम समंदसर गांवों में जनजागरण करते हुए पहुंची।
यात्रा के राष्ट्रीय संयोजक चौधरी महेंद्र सिंह गोदारा ने संमद्सर गांव में गोपालको को सम्बोधित करते हुए कहा कि लंपी महामारी इस सदी की सबसे बड़ी त्रासदी है। इतना भयंकर गायों का नुकसान इससे पहले न कभी पढ़ा और न ही बुजुर्गों से सुना। सरकार इस और ध्यान दे। 23 जनवरी से विधानसभा सत्र प्रारंभ हो रहा है। हम गांव गांव में जनजागरण कर सबको चेता रहे हैं कि जनप्रतिनिधियों से मांग करो कि वह विधानसभा सत्र में लंपी मुआवजा की मांग उठायें।
प्रदेश संयोजक गोस्वामी शीशपाल गिरि ने कहा कि सनातन में गाय, गंगा, गीता, गुरु एवं गांव का बहुत महत्व है।इन पांचों से ही मनुष्य का और देश का संपूर्ण विकास संभव है क्योंकि सनातन और हमारे देश की तासीर इन पांचों में छुपी हुई है। हम गुरु के सानिध्य में गीता महाग्रन्थ में लिखे उपदेशों को पढ़ें और अपने जीवन में उतारें।गीता से बड़ा यथार्थवादी ग्रंथ दुसरा कोई नहीं है। गाय की सेवा करें। और अपने गांव को गंगा की तरह निर्मल और स्वच्छ रखें। अपने गांव को स्वावलम्बी बनाने का प्रयास करें।
यात्रा के आयोजक एडवोकेट विनोद आर्य ने बताया कि यात्रा के दूसरे चरण में श्रीडूंगरगढ़ के गांवों में लंपी मुआवजे के लिए जनजागरण अभियान आज प्रारंभ कर दिया है तथा 19 जनवरी को श्रीडूंगरगढ़ में मुआवजे के लिए ज्ञापन दिया जाएगा। जिसके लिए गांवों में सभी को आमंत्रित किया जा रहा है।
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