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*राजस्थान शिक्षक संघ (राष्ट्रीय) जयपुर द्वितीय के तत्वावधान में प्रेस कॉन्फ्रेंस का हुआ आयोजन*शिक्षकों की 11 सूत्रीय मांगों को लेकर हुआ प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन मांगे नहीं मानी गई तो होगा उग्र आंदोलन: जिला मंत्री गजानंद टिलावत ।


उमेश कुमार मोदी। सिटी एक्सप्रेस न्यूज।चौमूं ।राज्य सरकार के शिक्षकों के प्रति बढ़ते उपेक्षा पूर्ण रवैये को लेकर राजस्थान शिक्षक संघ (राष्ट्रीय) जयपुर द्वितीय के तत्वावधान में सोमवार को शहर के कचौलिया रोड स्थित एक निजी गार्डन में शिक्षकों की 11 सूत्रीय मांगों को लेकर जिलाध्यक्ष चौथमल कुमावत की अध्यक्षता में प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित हुई l प्रेस कॉन्फ्रेंस में संघ के पदाधिकारियों संभाग संगठन मंत्री बालकृष्ण भारद्वाज, प्रदेश मीडिया सदस्य रोहिताश दादरवाल, जिला मंत्री अर्जुन सिंह ,जिला महिला मंत्री श्रीमती रंजू सुरोलिया द्वारा प्रेस कांफ्रेंस के माध्यम से शिक्षकों की मांगों को मिडिया के समक्ष रखकर राज्य सरकार से उनके निराकरण की मांग की l 
 शिक्षकों की निम्न 11 सूत्रीय मांगे को लेकर हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित-वेतन विसंगतियों के निराकरण हेतु गठित 'सावंत एवं खेमराज कमेटी की रिपोर्टों को तत्काल प्रभाव से सार्वजनिक कर लागू किया जाए l -समस्त राज्य कर्मचारियों को 8-16-24-32 वर्ष पर एसीपी का लाभ देकर पदोन्नति पद का वेतनमान प्रदान किया जाए l -एनपीएस कार्मिकों के लिए लागू हुई पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) की समस्त तकनीकी खामियों को दूर कर एनपीएस की राशि शिक्षकों को देने के साथ-साथ जीपीएफ 2004 के खाता नंबर तत्काल जारी करे l 
-संपूर्ण सेवाकाल में परिवीक्षा अवधि केवल एक बार 1 वर्ष के लिए हो तथा नियमित वेतन श्रृंखला में फिक्सेशन के, समय परिवीक्षा परिवीक्षा अवधि को भी जोड़ा जाए l -राज्य कार्मिकों को सेवानिवृत्ति के समय तीन सौ उपार्जित अवकाश की सीमा को समाप्त किया जावे एवं सेवानिवृत्ति के पश्चात 65,70 एवं 75 वर्ष की आयु पूर्ण करने पर क्रमशः 5 , 10 एवं 15% पेंशन वृद्धि की जाए l-शिक्षा विभाग में की जा रही संविदा आधारित नियुक्ति प्रक्रिया पर तत्काल रोक लगा कर नियमित भर्ती से ही पद भरे जाए l -अध्यापक संवर्ग के स्थानांतरण पर लगा प्रतिबंध हटा कर तत्काल स्थानांतरण करना एवं राज्य के शिक्षकों के स्पष्ट स्थानांतरण नियम बनाए जाएं एवं समस्त पदों पर नियमित वर्षवार और नियमित डीपीसी जारी की जा कर समय पर पदस्थापन किया जाए l
-बीएलओ सहित समस्त प्रकार के गैर शैक्षणिक कार्यों से शिक्षकों को मुक्त किया जाए एवं शिक्षकों व संस्था प्रधानों को अनावश्यक कारण बताओ नोटिस जारी करना बंद होl  -तीन संतान होने पर राज्य कर्मचारियों को पदोन्नति में एक बार पीछे रखने के बाद उनकी मूल वरिष्ठता बहाल करना एवं तीन संतान वाले कार्मिकों को केंद्र सरकार के नियमानुसार राहत प्रदान की जाए l -माध्यमिक शिक्षा में स्टाफिंग पैटर्न तत्काल लागू कर पदों का सृजन किया जाए एवं विद्यालयों में पद आवंटन में हिंदी एवं अंग्रेजी माध्यम का विभेद समाप्त कर समान रूप से पद आवंटन किये जाए l  -शिक्षा विभाग की ऑनलाइन निर्भरता को दृष्टिगोचर रखते हुए राज्य के समस्त शिक्षकों एवं संस्था प्रधानों को मासिक इंटरनेट भत्ता एवं एंड्रॉयड फोन उपलब्ध करवाए जाए l
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जिला मंत्री गजानंद टिलावत ने राज्य सरकार को चेताया 
अब भी मांगे नहीं मानी गई तो होगा उग्र आंदोलन

जिला मंत्री गजानंद टिलावत ने कहा कि संगठन द्वारा राज्य सरकार से बार-बार आग्रह करने व लोकतांत्रिक तरीके से विरोध प्रकट करने के उपरांत भी सरकार द्वारा शिक्षकों की इन मांगों पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है l साथ ही सरकार द्वारा न्यायोचित समस्याओं का उचित समाधान करने हेतु कोई कार्यवाही नहीं की जा रही l राज्य सरकार ने शिक्षकों के प्रति जिस तरह उपेक्षा पूर्ण रवैया अपनाया जा रहा है । उससे व्यथित व आक्रोशित होकर राज्य के शिक्षक अब आंदोलन की राह अपनाने को विवश हो गए है । उन्होंने बताया कि हमारे द्वारा अंतिम प्रयास के रूप में राज्य के समस्त विधायकों के माध्यम से माननीय मुख्यमंत्री एवं शिक्षा मंत्री के नाम ज्ञापन भेज कर सरकार से उचित निराकरण करवाने का प्रयास किया जा रहा है एवं संपूर्ण राज्य में जिला स्तर पर प्रेस कांफ्रेंस कर सरकार को चेताया जा रहा है। अगर राज्य सरकार ने फिर भी इन मांगों पर कोई निर्णय नहीं लिया तो संगठन को उग्र आंदोलन के लिए विवश होना पड़ेगा ।                                                      

इस मौके पर पं. सत्यनारायण शर्मा, उपशाखा अध्यक्ष निर्विकार शर्मा, महिला मंत्री मीनू जुनेजा ,कोषाध्यक्ष लक्ष्मीकांत पुरोहित, रूप किशोर भारद्वाज ,प्रर्मिला वर्मा सुभिता कुमावत, बनवारी देवन्दा,रघुनन्दन शर्मा सहित द्वितीय के कई पदाधिकारी उपस्थित रहे l

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