570 वा लंगर लगाया गया। सर्दी को देखते हुए लंगर मे पुलाव व चने मिक्स वेजिटेबल सूप का वितरण किया गया।
श्रीगंगानगर ।15 जनवरी ।श्री गुरु अर्जुन दास सत्संग भवन के संस्थापक एवं श्री रूद्र हनुमान सेवा समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री गुरु अर्जुन दास जी द्वारा आज रविवार को 570 वा लंगर लगाया गया। सर्दी को देखते हुए लंगर मे पुलाव व चने मिक्स वेजिटेबल सूप का वितरण किया गया। समिति द्वारा सेवाएं श्री गुरु अर्जुन दास, चानन राम छाबड़ा, हुक्मी देवी, संगठन मंत्री सतपाल कोर, अनुज मल्होत्रा, नरेश शर्मा, आशा रानी, एमडी सतीश, राजरानी, दिया, खुशी, निशा, अभिषेक निर्माण, सुमन, साहिल, देवेंद्र, संजू व अन्य सदस्यों द्वारा दी गई। सभी ने तन मन से सेवा दी। गुरु अर्जुन दास जी द्वारा सभी शिष्यों एवं प्रदेशवासियों को लोहड़ी एवं मकर संक्रांति की बधाइयां एवं शुभकामनाएं दी गई। गुरूजी द्वारा मकर संक्रांति के बारे में बताया गया कि इस दिन से सूर्य के प्रकाश में गर्मी और तपन बढऩे लगती है। इसके फलस्वरुप प्राणियों में चेतना और कार्यशक्ति का विकास होता है। मकर-संक्रान्ति के दिन देव भी धरती पर अवतरित होते हैं, आत्मा को मोक्ष प्राप्त होता है, अंधकार का नाश व प्रकाश का आगमन होता है. इस दिन पुण्य, दान, जप तथा धार्मिक अनुष्ठानों का अनन्य महत्व है। विश्व की 90त्न आबादी पृथ्वी के उत्तरी गोलार्ध में ही निवास करती है अत: मकर संक्रांति पर्व न केवल भारत के लिए बल्कि लगभग पूरी मानव जाति के लिए उल्लास का दिन है।सम्पूर्ण विश्व के सभी उत्सवों में संभवत: मकर संक्रांति ही एकमात्र उत्सव है जो किसी स्थानीय परम्परा, मान्यता, विश्वास या किसी विशेष स्थानीय घटना से सम्बंधित नहीं है, बल्कि एक खगोलीय घटना, वैश्विक भूगोल और विश्व कल्याण की भावना पर आधारित है और सम्पूर्ण मानवता (उत्तरी गोलार्ध की 90प्रतिशत आबादी पृथ्वी के उत्तरी गोलार्ध में ही निवास करती है अत: मकर संक्रांति पर्व न केवल भारत के लिए बल्कि लगभग पूरी मानव जाति के लिए उल्लास का दिन है।सम्पूर्ण विश्व के सभी उत्सवों में संभवत: मकर संक्रांति ही एकमात्र उत्सव है जो किसी स्थानीय परम्परा, मान्यता, विश्वास या किसी विशेष स्थानीय घटना से सम्बंधित नहीं है, बल्कि एक खगोलीय घटना, वैश्विक भूगोल और विश्व कल्याण की भावना पर आधारित है ।
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