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शत्रुंज्य तीर्थ व विमलनाथ तीर्थ की भाव यात्रा मेंं मंत्र जाप व भक्ति गीत l

 

बीकानेर, 5 जून। जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ संघ की साध्वीश्री विचक्षणश्रीजी, साध्वीश्री चन्द्र्रप्रभा की शिष्या विजय प्रभा, साध्वीश्री चंदन बाला व साध्वीश्री मृगावतीश्रीजी के सान्निध्य बुधवार को रांगड़ी चौक के सुगनजी महाराज के उपासरे में शत्रुंज्य तीर्थ व भगवान विमलनाथ तीर्थ की भाव यात्रा भक्ति गीतों, मंत्रों के जाप के साथ की गई। साध्वीवृंद के सान्निध्य में श्राविकाओं का पांच दिवसीय शिविर का समापन गुरुवार को होगा। शुक्रवार को सुबह सवा नौ बजे से सवा दस बजे तक उपासरे में साध्वीश्री चंदनबाला का नियमित प्रवचन ’’स्वयं की शक्ति को पहचाने’’ विषय पर होगा।
साध्वीश्री चंदन बाला ने बताया कि गुजरात के भाव नगर जिले में स्थित पालीताना में शत्रुंजय पहाड़ी महाराष्ट्र के धुले जिले के गांव बलसाना में स्थित भगवान विमलनाथ तीर्थ की भाव से यात्रा के दौरान ’शत्रुंज्य समो तीरथ नहीं, ऋषभ समो नहीं देव, गौतम सरीखा गुरु नहीं, वळी-वळी वंदु तेह...’’ व उपासरे में लगे शत्रुंज्य तीर्थं के पट् के सामने मूल तीर्थ की परिकल्पना करते हुए जय तलेटी में सिद्धशीला व श्री आदिनाथ भगवान की 11 देहरियों, से लेकर गिरनार के 9 टूंक के जिनालयों  को ’’नमो जिणाणं’’, सिद्धों, ’’नमो सिद्धाणम्’’ किया गया तथा प्राचीन सरस्वती देवी, गौतम स्वामी, भगवान महावीर स्वामी, हिंगलाज माता, देवी पद्मावती, हनुमानधारा को प्रणाम, वंदन करते हुए भगवान आदिनाथ, भगवान पार्श्वनाथ, भगवान श्रीशांतिनाथ, चक्रेश्वरी माता, दादा गुरुदेव जिन कुशल सूरि की  मंत्रोंच्चारण के साथ वंदना की गई।
इसी तरह भगवान विमलनाथ की स्तुति ’’ जिन जुहारो, पाप संतापवारो’’ आदि भक्ति गीतों के साथ आत्म रक्षा स्तोत्र, स्तनवन, नवकार महामंत्र व विमलनाथजी के मंत्र जाप के बाद देश, प्रदेश, घर, कुटुंम्ब के संकट व विध्न को दूर करने, मनो कामना पूर्ण करने, सकलश्रीसंघ में एकता की प्रार्थना की गई।
श्राविकाओं के शिविर का समापन आज

विचक्षण ज्योति साध्वीश्री चन्द्र प्रभा की शिष्या साध्वीश्री चंदन बाला ने बताया कि श्राविकाओं का पांच दिवसीय शिविर का समापन गुरुवार को सुबह दस बजे सुगनजी महाराज के उपासरे में होगा। शिविर में साध्वीवृंद ने श्राविकाओं को आहार शुद्धि, आचार, क्रिया शुद्धि व जीवन प्रबंधन का प्रशिक्षण  दिया।

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