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विकसित कृषि संकल्प अभियान के अन्तर्गत किसान गोष्ठियों का आयोजन ।

बीकानेर,दिनांक 05.06.2025। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा आयोजित विकसित कृषि संकल्प अभियान (29 मई 2025 से 12 जून, 2025) के तहत भाकृअनुप-केंद्रीय शुष्क बागवानी संस्थान, बीकानेर एवं अन्य संस्थानों (के.वी.के. बीकानेर, लुणकरणसर एवं कृषि विभाग, राजस्थान सरकार ) के संयुक्त तत्वावधान में दिनांक 05.06.2025 को बीकानेर जिले के कोलायत (नोखड़ा, भनेका, दियातरा), लुणकरणसर (भदेरण, कांकडवाला, रोंझा), छतरगढ़ (4AWM, आवा, 4KLD) एवं बीकानेर (हुसंगसर, खारा, जामसर), ब्लॉक में विभिन्न किसान गोष्ठियों का आयोजन किया। इस अवसर पर संस्थान के वैज्ञानिकों एवं अन्य कृषि विभाग के अधिकारियों ने किसानों को कृषि, बागवानी एवं पशुपालन की उन्नत तकनीकियों के बारे में विस्तृत रूप से बताया। इस मौके पर लुणकरणसर ब्लॉक के भदेरण, कांकडवाला, रोंझा में संस्थान के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. डी. के. सरोलिया ने किसानों को खरीफ मौसम की सब्जियों की उन्नत किस्मों के बीज, पौध प्रसारण की विधियाँ, फल बाग स्थापना, पौधों की देखरेख, फल एवं सब्जियों का मूल्य संवर्धन तथा बीजोत्पादन पर विस्तृत जानकारी दी गई। इसके साथ ही संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ रामकेश मीना ने छतरगढ़ ब्लॉक के 4 AWM, आवा, 4KLD में किसान गोष्ठी के दौरान किसानों को शुष्क फलों की उन्नत किस्मों, उत्पादन तकनीकों, बीज उत्पादन और मूल्य संवर्धन के बारे में बताया। इसके अतिरिक्त उन्होने उच्च-कोटि पौधशाला के बारे में भी विस्तार से चर्चा की गई। उन्होने संस्थान द्वारा विकसित खेजड़ी-थार शोभा, इन-सीटू-बडिंग तकनीक के बारे में किसानों को विस्तार से बताया। इस अवसर पर कोलायत ब्लॉक के नोखड़ा, भनेका, दियातरा में संस्थान के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. सुशील कुमार माहेश्वरी ने किसान गोष्ठी के दौरान शुष्क क्षेत्रीय सब्जियों में लगने वाली कीट-बीमारियों एवं उनके प्रबंधन पर प्रकाश डाला। प्रश्नकाल के दौरान उन्होने खेजड़ी की रूट रोट बीमारी एवं इसके प्रबंधन के बारे में भी बताया। इसी प्रकार बीकानेर क्षेत्र के हुसंगसर, खारा, जामसर में डॉ. मनप्रीत कौर, वैज्ञानिक ने संस्थान द्वारा विकसित शुष्क क्षेत्र में उगाई जाने वाली फल एवं सब्जियों की उन्नत प्रजातियाँ एवं इसके उत्पादन एवं तकनीकियों एवं कृषक प्रशिक्षण के बारे में विस्तृत जानकारी दी। इस मौके पर किसानों, प्रगतिशील किसान ने भी अपना अनुभव साझा किया और अंत में सभी किसानों ने इस कार्यक्रम को सफल बनाने में अपना अहम योगदान दिया।

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