अमृता हॉट 2025 में नाबार्ड की 07 जी.आई. प्रदर्शनी व स्वयं सहायता समूहो द्वारा हस्त निर्मित उत्पाद बना आकर्षण का केंद्रखरीदारों की उमड़ी भीड़, ग्रामीण कला को मिला नया बाजार l
बीकानेर। अमृता हॉट–2025 के अंतर्गत नाबार्ड द्वारा लगाई गई 07 जी.आई. (Geographical Indication) व हस्तनिर्मित उत्पाद आधारित स्टॉलों की प्रदर्शनी मंगलवार को दर्शकों और खरीदारों के आकर्षण का प्रमुख केंद्र बनी रही। नाबार्ड की इस पहल का उद्देश्य ग्रामीण कला, पारंपरिक शिल्प और स्व-सहायता समूहों (SHGs) को बड़े प्लेटफॉर्म पर बढ़ावा देना है।प्रदर्शनी में बीकानेरी उस्ता कला का खास प्रदर्शन किया गया, जिसे आर्टिस्ट शौकत अली ने अपने पारंपरिक अंदाज़ में अत्यंत खूबसूरती के साथ तैयार किया। उस्ता कला की कसीदाकारी और नक्काशीदार डिजाइन लोगों को खूब लुभा रही है।
इसके साथ ही जोधपुरी बंधेज कला,बाड़मेर की एप्लिक कला,पोकरण के पारंपरिक मिट्टी के बर्तन,तथा डूंगरपुर के तीर–कमान शिल्प के स्टॉल भी बड़ी संख्या में आगंतुकों का ध्यान आकर्षित कर रहे हैं।खरीदारों ने की जमकर खरीदारी प्रदर्शनी में पहुंचे खरीदारों ने ग्रामीण कलाकारों के कौशल की सराहना करते हुए भरपूर खरीदारी की। श्रीमती अंकिता अग्रवाल ने कहा कि जोधपुरी बंधेज की साड़ियां अद्भुत और बेहद आकर्षक हैं। वहीं उनके पति दीपेश अग्रवाल ने स्थानीय कलाकारों को प्रोत्साहित करने की पहल की सराहना की।
इसी तरह प्रशांत अग्रवाल ने भी विभिन्न स्टॉलों से हस्तनिर्मित वस्तुएं खरीदीं। प्रदर्शनी में युवा खरीदारों की भी अच्छी खासी संख्या देखने को मिली, जिनमें सौरभ अग्रवाल, ओमप्रकाश पुरी, डॉ. शेफाली दाधीच, डॉ. अरुण, डॉ. मोहित बंसल सहित अनेक लोग खरीदारी करने पहुंचे।
नाबार्ड का ग्रामीण कला को बढ़ावा देने का प्रयास
नाबार्ड के जिला विकास प्रबंधक श्री रमेश तांबिया ने बताया कि अमृता हॉट–2025 के दौरान लगाया गया यह GI प्रदर्शनी ज़ोन ग्रामीण कलाकारों द्वारा तैयार उत्पादों की बिक्री और उनकी प्रतिभा के प्रदर्शन का उत्कृष्ट अवसर है। उन्होंने अधिक से अधिक लोगों से प्रदर्शनी में पहुंचने और ग्रामीण उद्यमियों को समर्थन देने की अपील की।
स्थानीय कला, संस्कृति और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने की दिशा में नाबार्ड द्वारा किया गया यह आयोजन सराहनीय कदम माना जा रहा है।




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