मुख्यमंत्री जनसम्पर्क प्रकोष्ठ एसीबी की समीक्षा बैठक भ्रष्टाचार के खिलाफ सरकार की जीरो टोलरेंस नीति के प्रभावी क्रियान्वयन में एसीबी की अहम भूमिकाः मुख्यमंत्री
जयपुर, 24 जनवरी। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने कहा कि संवेदनशील, पारदर्शी एवं जवाबदेह सुशासन हमारी सरकार का मूल मंत्र है। भ्रष्टाचार के खिलाफ राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को देखते हुए एसीबी की महत्वपूर्ण भूमिका है। एसीबी को स्टाफ एवं तकनीकी संसाधनों से सुदृढ़ बनाने के साथ ही पर्याप्त बजट आवंटित किया गया है, ताकि भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टोलरेंस की राज्य सरकार की नीति को प्रभावी तरीके से क्रियान्वित करने में एसीबी और मजबूती से काम करे।
श्री गहलोत सोमवार को मुख्यमंत्री निवास से वीडियो काॅन्फ्रेंस के जरिए एसीबी के कामकाज की समीक्षा कर रहे थे। एसीबी को भ्रष्टाचार के मामलों में प्रो-एक्टिव होकर कार्यवाही करने के निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2021 में करीब 90 प्रतिशत मामलों में अभियोजन स्वीकृति दी गई है, जो भ्रष्टाचार के विरूद्ध हमारी सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। उन्होंने निर्देश दिए कि जो मामले किन्हीं कारणों से लंबित हैं उनमें प्राथमिकता के आधार पर निर्णय लेकर अभियोजन स्वीकृति में देरी नहीं की जाए।
जो एक उपलब्धि है। श्री गहलोत ने कहा कि वर्ष-2021 में कुल 587 मामलों में अभियोजन स्वीकृति के निर्णय राज्य सरकार द्वारा लिये गए, जो अब तक के सर्वाधिक हैं। उन्होंने कहा कि गरीब परिवादियों को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने एक करोड़ रूपए के रिवाॅल्विंग फण्ड की स्थापना की है। एसीबी की कार्य क्षमता में वृद्धि एवं अनुसंधान की गति बढ़ाने के उद्देश्य से एसीबी में सभी रैंक में 239 अधिकारी-कर्मचारी लगाए गए हैं।
श्री गहलोत ने एसीबी की पिछली समीक्षा बैठक में दिये गए निर्देशों की पालना जल्द से जल्द सुनिश्चित करने को कहा। साथ ही, उन्होंने भ्रष्ट कार्मिकों एवं संगठित भ्रष्टाचार के खिलाफ भी प्रभावी एक्शन लेने के निर्देश दिए।’सजग ग्राम योजना’ एक अच्छी पहल मुख्यमंत्री ने एसीबी द्वारा ’सजग ग्राम योजना’ के नवाचार को अच्छी पहल बताया। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में भ्रष्टाचार पर अंकुश एवं सरकार की लोक कल्याणकारी योजनाओं में छीजत रोकने के लिए यह प्रभावी माध्यम बन सकता है।
उन्होंने एसीबी अधिकारियों से कहा कि वे इस योजना में चयनित 51 गांवों तक ही सीमित न रहें। अन्य गांवों में भी बिना पूर्व सूचना के अचानक जाएं और वहां लोगों से बातचीत कर उन्हें अपने जायज कार्यों के लिए किसी तरह की रिश्वत नहीं देने के लिए जागरूक करें। इससे एसीबी अधिकारियों को रिश्वतखोर अधिकारियों-कर्मचारियों के बारे में जानकारी मिलेगी और रिश्वत लेने वाले अधिकारियों-कार्मिकांे में भय पैदा होगा।
श्री गहलोत ने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ शिकायत के लिए एसीबी हैल्पलाइन 1064 एवं एसीबी द्वारा सोशल मीडिया पर जागरूकता कैंपेन चलाने से आमजन में भ्रष्ट लोगों की शिकायत करने के बारे में जागरूकता बढ़ी है। 1064 पर मिली सूचना के आधार पर एसीबी को भ्रष्ट लोगों को ट्रेप करने में भी सफलताएं मिली हैं। आमतौर पर भ्रष्टाचार की शिकायतें नहीं करने वाले लोग अब आगे आकर भ्रष्ट लोगों के बारे में जानकारी दे रहे हैं। उन्होंने एसीबी की हैल्पलाइन 1064 एवं व्हाॅट्स एप नंबर के अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार पर जोर दिया। साथ ही, निर्देश दिए कि प्रदेश के सभी सरकारी कार्यालयों में इस हैल्पलाइन की जानकारी देने वाले पोस्टर चस्पा किए जाएं।
समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने एसीबी अधिकारियों से बात की, उनके अनुभव पूछे एवं विभाग की बेहतरी के संबंध में सुझाव भी सुने। उन्होंने एसीबी हैल्पलाइन पर मिलने वाली संगठित भ्रष्टाचार संबंधी शिकायतों पर संज्ञान लेते हुए कड़ी कार्यवाही करने के निर्देश दिए।
बैठक में मुख्य सचिव श्री निरंजन आर्य, अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह श्री अभय कुमार, प्रमुख शासन सचिव वित्त श्री अखिल अरोरा, प्रमुख शासन सचिव कार्मिक श्री हेमन्त गेरा, एडीजी एसीबी श्री दिनेश एमएन, एसीबी मुख्यालय से डीआईजी सवाई सिंह गोदारा एवं डाॅ. विष्णुकांत, अजमेर रेंज के डीआईजी (एसीबी) श्री समीर कुमार सिंह, जोधपुर रंेज के डीआईजी (एसीबी) श्री कैलाश विश्नोई सहित विभिन्न रेंज एवं जिलों में पदस्थापित एसीबी अधिकारी वर्चुअल शामिल हुए।
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