एन आर सी सी द्वारा डेरना गाँव में जनजातीय गौरव दिवस 2025 का शुभारम्भभाकृअनुप राष्ट्रीय उष्ट्र अनुसंधान केन्द्र (एनआरसीसी), बीकानेर द्वारा भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली के निर्देशानुसार।
बीकानेर। दिनांक 01.11.2025 को गांव डेरना, आबूरोड़ सिरोही में जन जातीय गौरव दिवस 2025 का शुभारम्भ किया गया। केन्द्र की वैज्ञानिक टीम द्वारा “जनजातीय गौरव वर्ष पखवाड़ा–2025” की थीम पर “सामाजिक-आर्थिक विकास एवं जनजागरूकता” गतिविधि आयोजित की गई जिसमें पशु स्वास्थ्य शिविर एवं कृषक-वैज्ञानिक संवाद कार्यक्रम सम्मिलित रहे जिनमें 59 जनजातीय परिवारों ने सहभागिता निभाई। इस दौरान कुल 574 पशुओं (जिनमें गाय 38, ऊँट 18, भैंस 105, बकरी 228 तथा भेड़ 185) में रोगों के बचाव हेतु दवाई/किट का वितरण किया गया।  संवाद कार्यक्रम में पशुपालकों ने पशु स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएँ वैज्ञानिकों के समक्ष रखीं, जिनका समाधान एवं निराकरण संबंधी जानकारी प्रदान की गई। साथ ही रोगों की रोकथाम और पशुओं की देखभाल पर विस्तार से मार्गदर्शन दिया गया। किसानों को दूध उत्पादन बढ़ाने हेतु खनिज मिश्रण भी वितरित किया गया। 
केन्द्र की टीएसपी उप-योजना के नोडल अधिकारी डॉ. श्याम सुन्दर चौधरी ने बताया कि भगवान बिरसा मुंडा महान जननायक और सुधारक थे, जिन्होंने आदिवासी समाज में चेतना, स्वाभिमान और आजादी की भावना जगाई। उन्होंने कहा कि किसान भारत सरकार की जनजातीय उप-योजना का लाभ लेकर विषय-विशेषज्ञों से मिली जानकारी के आधार पर अपने पशुधन को स्वस्थ रखकर उत्पादन व आय बढ़ा सकते हैं। साथ ही डॉ. चौधरी ने जनजातीय युवाओं व महिलाओं को आत्मनिर्भरता हेतु स्वरोजगार एवं प्रशिक्षण कार्यक्रमों से जुड़ने का आह्वान किया।केन्द्र के निदेशक डॉ. अनिल कुमार पूनिया ने केन्द्र की वैज्ञानिक टीम के माध्यम से अपनी बात संप्रेषित करते हुए बताया कि भगवान बिरसा मुंडा का जीवन हमें यह प्रेरणा देता है कि समाज के प्रत्येक वर्ग को शिक्षा, आत्मनिर्भरता और पर्यावरण संरक्षण के माध्यम से सशक्त बनाना आवश्यक है। डॉ. पूनिया ने कहा कि केन्द्र की टीएसपी उप-योजना इसी दिशा में कार्य कर रही है, जिसका उद्देश्य जनजातीय पशुपालकों को वैज्ञानिक पशुपालन तकनीकों, पोषण, स्वास्थ्य एवं आजीविका के नए अवसरों से जोड़ना है, ताकि उनका सामाजिक और आर्थिक स्तर सुदृढ़ हो सके।
इस अवसर पर केन्द्र के वैज्ञानिक डॉ. निनाद भट्ट ने कहा कि जनजातीय समाज के समग्र विकास के लिए शिक्षा, पोषण एवं स्वास्थ्य संबंधी जागरूकता अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने ग्रामीणों को उष्ट्र पालन के साथ कृषि आधारित विविधीकृत आजीविका गतिविधियाँ अपनाने तथा पशु स्वास्थ्य, पोषण एवं टीकाकरण पर विशेष ध्यान देने का सुझाव दिया।
केन्द्र की ओर डेरना गांव में आयोजित गतिविधि में श्री सेवाराम, प्रगतिशील पशुपालक एवं अध्यक्ष, पशुपालन सेवा समिति, सिरोही ने इस गतिविधि के माध्यम से पशुपालकों की जिज्ञासाओं व समस्याओं के उचित समाधान हेतु केन्द्र के प्रति आभार व्यक्त किया तथा आशा व्यक्त करते हुए कहा कि यह पखवाड़ा जनजातीय किसानों के समग्र उत्थान एवं आजीविका संवर्द्धन में उपयोगी सिद्ध होगा।  केन्द्र के श्री राजेश चौधरी, सहायक प्रशासनिक अधिकारी,  श्री डिम्पल आदि ने शिविर में किसानों का पंजीयन, पशुओं को दवा व खनिज मिश्रण वितरण तथा अन्य गतिविधियों के निष्पादन में महत्वपूर्ण सहयोग प्रदान किया।




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