बीटी कपास में गुलाबी सुण्डी रोग प्रबन्धन पर कार्यशाला आयोजित कृषि विभाग ने निरीक्षकों की टीम बनाकर लिए बीटी कपास के 70 नमूने l
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बीकानेर, 7 मई। बीटी कॉटन में गुलाबी सुण्डी रोग नियंत्रण विषय पर मंगलवार को कृषि कार्यालय सभागार में जिला स्तरीय कार्यशाला आयोजित की गई।संयुक्त निदेशक कैलाश चौधरी ने कहा कि बीटी कॉटन में लगने वाले गुलाबी सुंडी रोग से बचाव के लिए किसानों को इस रोग के प्रकोप के निगरानी, नियंत्रण के संबंध में विशेष जानकारी फील्ड फक्शनरीज द्वारा दी जाए और उन्हें जागरूक किया जाए। उन्होंने कहा कि किसान अज्ञात स्त्रोत द्वारा प्राप्त कपास की किसी भी किस्म के बीज की बुवाई ना करें। नकली बीज की रोकथाम के लिए कृषि विभाग द्वारा कमेटी गठित कर समय-समय पर बीज विक्रेताओं का निरीक्षण कर रही है अब तक 70 नमूने लिए जा चुके हैं।
अमानक पाए जाने पर नियमानुसार कठोर कार्यवाही की जाएगी। चौधरी ने कहा कि कृषि विभाग की टीम फील्ड विजिट करे, किसानों से फसलों का फीडबैक लें। उन्होंने सहायक निदेशक कृषि को भी गुलाबी सुण्डी के प्रबंधन हेतु जागरूकता लाने के लिए काश्तकारों एवं कपास विक्रेता कंपनियों के साथ बैठक करने के निर्देश दिए।जिससे जागरूकता कार्यक्रमों के माध्यम से आगामी कपास फसलों में गुलाबी सुण्डी के प्रकोप को समाप्त कर फसलों को व्यापक नुकसान से बचाया जा सके।

कृषि अधिकारी महेन्द्र प्रताप ने बताया कि कृषि एवं उद्यान विभाग की विभिन्न योजनाओं का लाभ लेने के इच्छुक किसान भाई राज किसान पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। उन्होंने कीट नियंत्रण के लिए रसायनिक कीटनाशक की भी जानकारी प्रदान की। कार्यशाला में कृषि विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों, बीटी कॉटन उत्पादक कम्पनियों के प्रतिनिधी एवं किसानों ने भाग लिया। कार्यशाला का संचालन कृषि अधिकारी मुकेश गहलोत ने किया।
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