करंट लगने से राष्ट्रीय पक्षी मोर की मौत
बीकानेर ,खारड़ा धर्मचंद सारस्वत lराष्ट्रीय पक्षी मोर हर जगह दाना-पानी को लेकर भटकते दिख जाएंगे। विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में किसी जंगली जानवर का शिकार या करंट लगने से मोरों की मौत अक्सर होती रहती है। मामला ग्राम खारडा में मोरो की मौत का है, यह कोई पहला मामला नहीं है, इसके पहले भी कई मोरों ने संरक्षण के अभाव में जान गंवाई है।
दरअसल, गुरुवार सुबह को ग्राम पंचायत भवन खारडा के पास अचानक बिजली के तारों से करंट लगने पर मोर की मौत हो गई। इसी जगह पर पहले भी कई मोरों की मौत इसी बिजली के पोल के पास करंट लगने से हो हुई है। इस लापरवाही से राष्ट्रीय पक्षी की सुरक्षा को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं । सैकडों की संख्या में मोर क्षेत्र के आसपास विचरण करते हैं या ये कहें इसके बीच वे दाना-पानी के लिए भटकते हैं। वर्षों से मोर संरक्षण को लेकर मांग उठ रही है। इसके पहले कई बार जानवरों का शिकार होकर भी मोरों ने जान गंवाई है। वहीं घटना से ग्राम के पक्षी प्रेमी और समाजसेवक भी चिंता में है। मोर की मौत के प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि मोर दाना- पानी के लिए भटकते हैं। दो मोर कुत्तों से बचने के लिए ग्राम में से गुजर रही हाइटेंशन लाइन के तार ऊपर जा बैठे । करंट लगते ही मोर नीचे गिर गए और उसने दम तोड दिया। हाइटेंशन लाइन ग्राम के बीचों-बीच है। समीप ही पेड़ पर रोजाना पचास-साठ मोर शाम के समय यहां इकट्ठा होते हैं। कई बार नजदीक से गुजर रही हाइटेंशन लाइन के चपेट में आ जाते हैं। ग्रामीणों की मांग है कि उक्त लाइन को गांव के बाहर से निकाला जाए। इससे अचानक मोर इसकी चपेट में ना आए, वहीं यह उच्च बिजली प्रवाह वाली लाइट आमजन के लिए भी खतरनाक है।
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